ग्रामीण अर्थव्यवस्थेला चालना देण्यासाठी रस्ते हा कणा मानला जातो. त्यामुळे केंद्रातील नरेंद्र मोदी सरकारने पश्चिम बंगालमधील ग्रामीण भाग रस्त्याने जोडण्याची योजना राबविली.
विशेष प्रतिनिधी
नवी दिल्ली/कोलकत्ता : पश्चिम बंगालमधील ममता बॅनर्जी सरकारने केंद्राच्या ग्रामीण भागातील रस्ते निर्मितीत अडथळा आणला. परंतु मोदी सरकारने तीन वर्षात 11 हजार 150 किलोमीटर रस्त्यांचे जाळे अवघ्या तीन वर्षात निर्माण केले. राज्यात विकास कामे कशी करायची असतात, हे दाखवून दिले आहे.
Three years of gramin road development in west begal
লাদাখে ভারত-চিন লাদাখ সীমান্তের যুদ্ধে নিহত হন মহম্মদবাজার ব্লকের ভূতুরা পঞ্চায়েতের বেলগড়িয়া গ্রামের বাসিন্দা রাজেশ। তারপরেই পরিবারের পাশে থাকার পাশাপাশি গ্রামকে মডেল গ্রামে রূপান্তরিত করার আশ্বাস দেওয়া হয় প্রশাসনের পক্ষ থেকেhttps://t.co/trg1y3Pwed— Madhusudan Das (@Madhusu75142035) December 17, 2020
লাদাখে ভারত-চিন লাদাখ সীমান্তের যুদ্ধে নিহত হন মহম্মদবাজার ব্লকের ভূতুরা পঞ্চায়েতের বেলগড়িয়া গ্রামের বাসিন্দা রাজেশ। তারপরেই পরিবারের পাশে থাকার পাশাপাশি গ্রামকে মডেল গ্রামে রূপান্তরিত করার আশ্বাস দেওয়া হয় প্রশাসনের পক্ষ থেকেhttps://t.co/trg1y3Pwed
परंतु केंद्रातील मोदी सरकारने ममता विरोध झुगारून पंतप्रधान ग्राम सडक योजनेअंर्गत तीन वर्षात 11 हजार 150 किलोमीटरचे रस्त्यांचे जाळे 4,065 कोटी खर्च करून निर्माण केले, अशी माहिती भाजपच्या माहिती आणि तंत्रज्ञान विभागाचे प्रमुख अमित मालवीय यांनी ट्विट करून दिली.
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