विशेष संवाददाता
नई दिल्ली : इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद बुधवार को मथुरा जेल से छूटे कफील खान ने बाहर निकलते ही बड़बोले बयान देने शुरु कर दिए हैं। कफील ने जहां यूपी पुलिस पर उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाया तो वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बालहठ करने वाला बताया। कफील के ये तीखे बयान एक दिन पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के ट्विटर संदेश की भावना से मिलते-जुलते ही दिख रहे हैं।
कफील की बयानबाजियों को राजनीतिक चश्मे से देखा जाना लाज़मी भी है। आखिर जिस सीएए के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली की रामलीला मैदान से देश के मुसलमानों को सड़कों पर उतरने के लिए उकसाया था, कफील भी उसी आंदोलन को यूपी में भड़काना चाहते थे। शायद यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी की उत्तर प्रदेश प्रभारी और गांधी परिवार की बेटी प्रियंका गांधी ने कफील के समर्थन में न सिर्फ बयान जारी किए हैं, बल्कि उनका समर्थन भी किया है।
ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस कफील को यूपी में मुस्लिम चेहरे के रूप में पेश कर सकती है। यही नहीं कांग्रेस उन्हें योगी विरोधी के रूप में स्थापित भी करने की कोशिश कर रही है। प्रियंका गांधी ने जिस तरह से ट्विटर पर योगी सरकार को कफील के खिलाफ द्वेश या बदले की भावना ना रखने की सलाह दी है, उसे देखकर साफ है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस यूपी में कफील के बहाने मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण कर अपनी हैसियत को बढ़ाएगी। प्रियंका वाडरा ऐसा ही प्रयोग लोकसभा चुनाव से ऐन पहले भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर के साथ दलित वोटों के लिए कर चुकी हैं।
इधर, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार 1 सितंबर को कफील खान की मां नुजहत परवीन की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका (Habeas corpus) पर सुनवाई करते हुए कफील को बड़ी राहत देते हुए उनके ऊपर से एनएसए हटा दिया था। अदालत का मानना था कि कफील के खिलाफ पुख्ता सबूत अभियाजन पक्ष पेश नहीं कर पाया है और इस कारण उन्हें जेल में रखना ठीक नहीं है।
ये और बात है कि राज्य की योगी सरकार ने गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल के विवाद से चर्चा में आए कफील खान को राहत देते हुए उनपर से पहले ही कई गंभीर मामले वापस ले लिए हैं। कफील करीब छह महीने से राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत उत्तर प्रदेश की मथुरा जेल में बंद थे। उन्होंने पिछले साल नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भाषण दिया था। इसी साल 29 जनवरी को उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ ने कफील खान को मुंबई हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया था। 16 अगस्त को उनकी एनएसए के तहत हिरासत अवधि तीन महीने के लिए बढ़ा दी गई थी।